थाइरोइड-- कारण, लक्षण और योग-प्राणायाम द्वारा स्थायी उपचार।
हर इंसान हमेशा जवान और चुस्त-दुरुस्त रहना चाहता है लेकिन आज के समय में कई समस्याओं का सामना कराना पडता है। अगर कम खाने के बावजूद आपका वजन तेजी से बढ़, तेजी से बाल बढ़़ने की समस्या हो रही है। अगर आप 30 साल की उम्र में ही ज्यादा उम्र के नजर आने लगे हैं तो समझ लें कि आप थायराइड की समस्या से परेशान है। भारत में हर दसवां व्यक्ति इस बीमारी से परेशान है। पुरुषों से मुकाबले महिलाओं को 10 गुना अधिक थायराइड की समस्या का सामना करना पड़ता है।
क्या है थायरोइड?
थायराइड गले में स्थित एक ग्रंथि का नाम है। यह ग्लैंड गले के आगे के हिस्से में मौजूद होता है और इसका आकार एक तितली के समान होता है। यह बॉडी के कई तरह के मेटाबॉलिज्म को बनाए रखने के लिए जरूरी होता है। जब ये असंतुलित होता है तो थायरायड की बीमारी होती है। ये रोग हाइपो थायरायड और हाइपर थायरायड दो तरह का होता है।
थायरोइड के लक्षण :
गले में सूजन, मूडट स्विंग होना, बालों का तेजा से झड़ना, हृदय गति बढ़ना, पसीना ज्यादा आना, दिल की धड़कन तेज होना।
हाइपोथायराइड होने के कारण?
खानपान में लापरवाही, अस्थ-व्यस्थ जीवनशैली औऱ खाने में आयोडिन की कमी के कारण हाइपोथायराइड होने का खतरा रहता है। इसके अलावा भी थायराइड होने के कई अन्य कारण भी हैं जैसे-
1.अगर आपको पहले कभी हाइपोथायराइड हुआ है या आपके परिवार में से कोई व्यक्ति इस बिमारी से पीड़ित था तो आपको भी ये रोग बड़ी आसानी से लग सकता है।
2. महिलाओं में थायराइड होने की शिकायत ज्यादा होती है, और हाइपोथायराइड 30 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को ही शिकार बनाता है।
3.गलत खान-पान, नियमित जीवनशैली औऱ अधिक मिर्च मसाला खाना भी हाइपोथायराइड जैसी बीमारी को दावत दे सकती है।
4. जंक फूड का बढ़ता क्रेज़ भी आपको थायराइड से पीड़ित कर सकता है। इसके अलावा जंग फूड से थायराइड के अलावा भी कई तरह की पेट संबंधित समस्या हो जाती है।
5.शरीर का बढ़ता वज़न कई तरह की बीमारियों का घर है हाइपोथायरइड भी इन्ही बीमारियों में से एक है। ज़रूरत से ज्यादा वजन बढ़ना और शारीरिक मेहनत कम होने से हाइपोथायराइड जैसे रोग हो जाते हैं।
हाइपोथायराइड के लक्षण
डॉक्टर्स के अनुसार हाइपोथायरायडिज्म के लक्षणों का अनुमान थायरॉयड हार्मोन उत्पादन में होने वाली कमी और गंभीरता के हिसाब से लगाया जा सकता है। लेकिन हाइपोथायराइड के लक्षण हमारे शरीर में लंबे समय से पनप रहे होते हैं जो काफी समय बाद दिखते हैं। इसके अलावा हाइपोथायराइड के अन्य कई लक्षण हैं जैसे-
1.थकावट और वजन बढ़ना
थायराइड की शुरुआती लक्षणों की बात करें तो सबसे पहले थकान महसूस होना और वजन के बढ़ने जैसी परेशानी देखने को मिलती है। इसके अलावा मेटाबॉलिज्म की गति धीमी हो जाती है।
2. चेहरे पर सूजन
हाइपोथायराइड के रोगियों के चेहरे पर अचानक से सूजन होने लग जाती है उसके अलावा अधिक थकान होना और जरूरत से ज्यादा ठंड लगना भी हाइपोथायराइड के संकेत हैं।
3. मासिक धर्म
थायराइड की शिकायत अधिकांश महिलाओं में देखी जाती है ऐसे में जो महिलाएं थायराइड का शिकार होती हैं उनका मासिक धर्म यानी पीरियड कभी भी समय पर नहीं आता। कई बार तो ब्लीडिंग बहुत ज्यादा होती है तो कई बार अनियमित तरीके से पीरियड्स होते हैं।
4. मांसपेशियों में कमजोरी
हाइपोथायरायडिज्म के शिकार मरीजों की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं। इसके कारण पूरे दिन हड्डियों में और शरीर में दर्द बना रहता है और कई बार रोगी आवाज बैठ जाने और गले में खराश की भी शिकायत करते हैं।
5. बाल झड़ना
थायराइड के दोनों प्रकार के लक्षण काफी हद तक सामान्य होते हैं हाइपोथायरायडिज्म में भी मरीज के बाल अचानक से झड़ने लग जाते हैं और बेजान हो जाते हैं और उनकी त्वचा रूखी सूखी सी लगती है।
थायराइड से छुटकारा पाने के लिए प्राणायाम और योगासन:
1-सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार करने से पूरा शरीर एनर्जी से भरा रहता है। इसके साथ ये हार्ट, फेफड़ों, किडनी आदि को हेल्दी रखने से साथ आपको जवां रखता है। इसके अलावा यह थायराइड से भी छुटकारा दिलाता है।
2-भस्त्रिका
इस प्राणायाम को 3 तरह से किया जाता है। पहले में 5 सेकंड में सांस लें और 5 सेकंड में सांस छोड़े। दूसरे में ढाई सेकंड सांस लें और ढाई सेकंड में छोड़ें। तीसरा तेजी के साथ सांस लें और छोड़े। इस प्राणायाम को लगातार 5 मिनट करें। इस आसन को रोजाना 5-10 मिनट करें।
3-कपालभाति
इस प्राणायाम को करने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाती है। इसके साथ ही शरीर से विषाक्त तत्व बाहर निकल जाते हैं। वहीं थायराइड से भी निजात मिलता है।
4-उज्जायी
इस आसन में गले से सांस अंदर भरकर ऊं का उच्चारण किया जाता है। इससे थायराइड को काफी लाभ मिलता है। इस आसन को नियमित रूप से 7 से 11 बार करें।
5-अनुलोम-विलोम
सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 15 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं।
6-सिंहासन
इस आसन को थायराइड के लिए सबसे बेस्ट माना जाता है। इस आसन को करने के लिए दोनों पैरों को सामने की ओर फैला के बैठ जाएं। अब अपने दाएं पैर को मोड़ें और उसे बाएं पैर की जांघ पर रख लें और बाएं पैर को मोड़ें और उसे दाएं पैर की जांघ पर रख लें। अब आगे की ओर झुक जाएं और दोनों घुटनों के बल होते हुए अपने हाथों को सीधा करके फर्श पर रख लें। इसके बाद अपने शरीर के ऊपर के हिस्से को आगे की ओर खींचे। अपने मुंह को खोलें और अपने जीभ को मुंह से बाहर की ओर निकालें। नाक से सांस लेते हुए मुंह से आवाज करें। इस आसन को रोजाना 7 से 11 बार करें।
7-शीर्षासन
रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, कार्यक्षमता को बढ़ाकर एनेर्जेटिक बनाता है,दिमाग में ब्लड सर्कुलेट करता है, पिट्यूटरी और पीनियल ग्रंथियों का स्राव नियमित करता है, स्मरण शक्ति, एकाग्रता, उत्साह, स्फूर्ति, निडरता, आत्मविश्वास और धैर्य बढ़ाता है।
8- सर्वांगासन
ब्रेन में एनर्जी का फ्लो बढ़ाता है,एजिंग को रोकने में सहायक, शारीरिक संतुलन ठीक रहता है, तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है,एकग्रता बढ़ाने में मदद करता है।
9- हलासन
पाचन सुधारने में मदद करता है, मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है , वजन घटाने में मदद करता है, शुगर लेवल को कंट्रोल करता है, रीढ़ की हड्डी में लचीलापन बढ़ाता और कमर दर्द में आराम मिलता है, स्ट्रेस और थकान से दूर करता है, दिमाग को शांति मिलती है।
10- मत्स्यासन
झुके हुए कंधे नॉर्मल हो जाते हैं, छाती व फेफड़ों का विकास होता है, स्त्रियों के गर्भाशय और मासिक धर्म संबंधी रोग दूर होते हैं, पेट की चर्बी घटती है, खांसी दूर होती है।
11- मंडूकासन
डायबिटीज ,कोलाइटिस को कंट्रोल करे,इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है,कब्ज और गैस की समस्या करे खत्म,पाचन तंत्र को करे सही, लिवर, किडनी को रखें स्वस्थ्य,वजन घटाने में करें मदद।
12-भुजंगासन
कमर को पतली और आकर्षक बनाएं, सीना चौड़ा करें, लंबाई बढ़ान में मददगार, शरीर की थकावट करें दूर, पेट की चर्बी को करें कम,कमर दर्द से दिलाएं निजात, शरीर में शक्ति औप स्फूर्ति का संचार करें।
13-चक्की आसान
चर्बी को कम करता है,शरीर को टोन करने के लिए एक अच्छा है, गर्भावस्था में मदद मिलती है,नींद में कारगर, शरीर की सभी मांसपेशियों को मजबूत करता है, पाचन तंत्र के लिए बहुत जरूरी, बुढ़ापे के लक्षणों को कम करने में भी फायदेमंद।
14- उष्ट्रासन
हर तरह के थायराइड को करे दूर, पेट की चर्बी कम करता है, पाचन में लाभदायक होता है, फेफड़े को स्वस्थ रखता है, डायबिटीज रोगियों के लिए लाभदायक।
नोट :- योगासन और प्राणायाम का अभ्यास कुशल योग प्रशिक्षक की देख-रेख में ही आरम्भ करें। ख़ुद करने पर चोट लगने का जोख़िम हो सकता हैं।
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